क्या 2025 में AI Search Engines, Google को टक्कर दे सकते हैं? – GPT-4o और Perplexity का बढ़ता प्रभाव
भूमिका
गूगल पिछले दो दशकों से इंटरनेट की जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। लेकिन अब 2025 में, एक बड़ा सवाल उठ रहा है — क्या AI आधारित सर्च इंजन जैसे GPT-4o, Perplexity AI, You.com और Gemini गूगल के वर्चस्व को चुनौती दे सकते हैं?
AI Search Engine क्या होते हैं?
AI Search Engines पारंपरिक सर्च इंजन से अलग होते हैं। ये सीधे उत्तर देने के लिए ट्रेंडिंग AI मॉडल्स (जैसे GPT-4o) का इस्तेमाल करते हैं।
उदाहरण:
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जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, तो आपको कई वेबसाइटों की लिंक मिलती हैं।
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जब आप GPT-4o से पूछते हैं, तो आपको एकदम सही और संक्षिप्त जवाब तुरंत मिल जाता है।
GPT-4o का असर
GPT-4o न सिर्फ टेक्स्ट देता है, बल्कि इसमें अब लाइव ब्राउज़िंग, वॉयस, इमेज और कोडिंग सपोर्ट भी है।
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अब यूज़र को दस वेबसाइट खोलने की ज़रूरत नहीं।
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जानकारी एक ही जगह, बिना विज्ञापन और बिना डिस्ट्रैक्शन मिलती है।
Perplexity AI: एक उभरता हुआ खिलाड़ी
Perplexity AI एक नया सर्च टूल है जो रियल टाइम डेटा के साथ जवाब देता है।
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इसमें "Sources Cited" फीचर होता है जो जवाब के नीचे उसकी वेबसाइट भी दिखाता है।
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यह गूगल के “People Also Ask” फीचर से बेहतर तरीके से सवालों के जवाब देता है।
क्या Google को खतरा है?
हालांकि गूगल अब भी सबसे बड़ा नाम है, लेकिन वह भी बदलाव ला रहा है:
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Google ने अपना AI Snapshot फीचर लॉन्च किया है जो सीधे जवाब देता है।
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Bard (अब Gemini) के ज़रिए गूगल भी AI टूल्स में कूद चुका है।
Users का झुकाव
आज की जेनरेशन को Fast, Ad-Free, और Direct Answers चाहिए।
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GPT-4o और Perplexity ये ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं।
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ब्लॉगर्स और कंटेंट क्रिएटर्स अब AI सर्च के लिए SEO अलग तरीके से सोचने लगे हैं।
निष्कर्ष
गूगल के पास अभी भी डेटा, ब्राउज़िंग पावर और विज्ञापन नेटवर्क की ताकत है। लेकिन GPT-4o और Perplexity जैसे AI टूल्स तेजी से उभर रहे हैं।
2025 AI सर्च का साल बन सकता है, और यूज़र अनुभव के आधार पर ही तय होगा कि गूगल राज करेगा या AI?

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